Raj Udyog Mitra (MSME) rajudyogmitra.rajasthan.gov.in CMO में MSME वेबपोर्टल www.rajudyogmitra.rajasthan.gov.in के शुभारम्भ समारोह
Raj Udyog Mitra (MSME) rajudyogmitra.rajasthan.gov.in
राज्य सरकार राजस्थान में औद्योगिक निवेश के अनुकूल माहौल तैयार करेगी। मात्र 6 माह में ही ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिससे निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और राजस्थान इन्वेस्टर फ्रेण्डली स्टेट बनेगा। मार्च माह में लाया गया सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एण्ड ऑपरेशन) अध्यादेश, 2019 तथा आज शुरू किया गया एमएसएमई वेब पोर्टल इसी दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं।
प्रदेश में नए उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा आज MSME वेब पोर्टल की शुरुआत की गयी है| सरकार की इस पहल से राज्य में औद्योगिक निवेश के अनुकूल माहौल तैयार होगा और रोजगार के बडे़ अवसर उपलब्ध होंगे। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिए ऐसा ऐतिहासिक अध्यादेश लागू किया है।
प्रदेश में नए उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा आज MSME वेब पोर्टल की शुरुआत की गयी है| सरकार की इस पहल से राज्य में औद्योगिक निवेश के अनुकूल माहौल तैयार होगा और रोजगार के बडे़ अवसर उपलब्ध होंगे। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिए ऐसा ऐतिहासिक अध्यादेश लागू किया है।
इस पहल से प्रदेश के युवाओं की चिंता दूर होगी और रोजगार के बडे़ अवसर उपलब्ध होंगे। हमें उद्यमियों की दिक्कतों का अहसास है। राज्य सरकार उद्यमों की स्थापना में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए हमेशा तैयार है।
राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने के लिए ऐसा ऐतिहासिक अध्यादेश लागू किया है। अब राज्य में उद्यम लगाने के लिए एमएसएमई उद्यमियों को तीन साल तक किसी प्रकार की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी। इस वेबपोर्टल पर स्वघोषणा प्रपत्र भरकर ही उद्यमी अपना एमएसएमई उद्यम स्थापित कर सकेंगे। उन्हें किसी भी सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पडे़ंगे। उन्हें हर तरह के सरकारी हस्तक्षेप से मुक्ति मिलेगी और वे निश्चिंत होकर अपना कारोबार कर सकेंगे। आने वाले विधानसभा सत्र में ही इस अध्यादेश को बिल बनाकर एक्ट का रूप देंगे।
एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए भी प्रदेश में 10 हैक्टेयर तक कृषि भूमि का लैण्ड यूज चेंज करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार जल्द ही नई उद्योग नीति लाएगी। नेशनल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की तर्ज पर ही प्रदेश में भी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल बनाई जाएगी तथा सिंगल विण्डो सिस्टम को भी प्रभावी बनाया जाएगा। राजस्थान इण्डस्ट्रियल प्रमोशन स्कीम (रिप्स) को भी हम और अधिक इन्वेस्टर फ्रेण्डली बनाएंगे।
मैंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल में प्रदेश में विण्ड एनर्जी की सम्भावनाओं को पहचानते हुए इस दिशा में शुरुआत की थी। आज राजस्थान में करीब 4500 मेगावाट विण्ड एनर्जी का उत्पादन हो रहा है। हमारी सरकार सौलर एवं विण्ड एनर्जी पॉलिसी को भी बेहतर बनाएगी।
इस अवसर पर वेब पोर्टल पर सेल्फ डिक्लरेशन प्रपत्र भरने वाले उद्यमियों श्री अनिल भाटी, श्री परमजीत कपूर एवं श्री गौरव राजोरिया, श्री पवन शर्मा तथा श्री चेतन पनिया एवं श्री विजय पनिया को उनके द्वारा स्थापित की जाने वाली एमएसएमई इकाइयों के लिए ‘प्राप्ति का प्रमाण पत्र‘ प्रदान किया।
हमने प्रदेश में नए उद्यमों के अनुकूल माहौल तैयार करने और निवेशकों की सुविधा के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। एमएसएमई उद्यमियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ें और वे सिर्फ सेल्फ डिक्लेरेशन प्रपत्र भरकर ही अपना व्यवसाय शुरू कर सकें, इसके लिए राज्य सरकार ने 4 मार्च को ‘सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (फैसेलिटेशन ऑफ एस्टेबिलेशमेन्ट एण्ड ऑपरेशन) अध्यादेश, 2019‘ अधिसूचित किया था और 24 मई को इसके नियम भी अधिसूचित कर दिए।
इस अध्यादेश के लागू होने से उद्यमी के समय की बचत होगी और वह अपना ध्यान उद्योग के विस्तार और उत्पादन बढ़ाने पर लगा सकेगा। उद्यमी सिर्फ सेल्फ डिक्लेरेशन प्रपत्र भरकर ही अपना व्यवसाय शुरू कर सकंेगे। इतना ही नहीं, उन्हें तीन साल तक विभिन्न विभागों की स्वीकृतियों एवं निरीक्षणों सहित कई तरह की विधिक एवं प्रशासनिक जटिलताओं से मुक्ति मिल जाएगी। इस अध्यादेश के क्रियान्वयन के लिए एक ऑनलाइन एप्लीकेशन भी तैयार की गई है। अध्यादेश के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर निवेश संवर्धन ब्यूरो (BIP) तथा जिला स्तर पर जिला उद्योग केंद्र नोडल एजेन्सी होंगे।
सुशासन की भावना के तहत पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासन देने की दिशा में यह अध्यादेश एक मील के पत्थर के रूप में साबित होगा। इस फैसले से प्रदेश में निवेश के अनुकूल माहौल बनेगा और एमएसएमई उद्यम ज्यादा से ज्यादा स्थापित हो सकेंगे।
अध्यादेश के प्रावधानों के अनुसार उद्यमी एक निर्धारित प्रारूप में इलेक्ट्रॉनिक अथवा भौतिक रूप से ‘‘उद्यम स्थापना करने का आशय (Declaration of Intent) नोडल एजेन्सी को प्रस्तुत करेगा और नोडल एजेन्सी द्वारा ‘‘प्राप्ति का प्रमाण-पत्र‘‘ (Acknowledgment Certificate) जारी किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें तीन वर्ष तक विभिन्न विभागों की स्वीकृति एवं निरीक्षणों से छूट मिल जाएगी। हालांकि उन्हें प्रदेश में पहले से प्रभावी सभी कानूनों के अनुरूप चलना होगा। तीन वर्ष का समय पूरा होने के बाद उद्यमों को अगले 6 माह में आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त करनी होंगी।
इस अध्यादेश में नये एमएसएमई उद्यमों को राज्य सरकार के अधिनियमों से सम्बन्धित स्वीकृतियों से मुक्ति तो दी ही गई है, साथ ही भारत सरकार के भी जिन अधिनियमों में राज्य सरकार को छूट प्रदान करने की शक्ति मिली हुई है, उनमें भी छूट का प्रावधान किया गया है।
The state Government will create an environment conducive to industrial investment in Rajasthan. In just six months, steps have been taken that will encourage investment and the Rajasthan investor would become a state of friendship. The micro, Small and medium enterprises (facilitation of Establishment and operation) Ordinance, 2019 introduced in the month of March, and the MSME Web portal launched today are revolutionary steps in this direction.
This initiative will address the concerns of the youth of the State and provide huge employment opportunities. We have a feeling of the difficulties of the entrepreneurs. The State Government is always ready to remove the hurdles in setting up of enterprises.
Rajasthan is the first state in the country to have enacted such a landmark ordinance to set up micro, small and medium industries. Now, the MSME entrepreneurs will not need any kind of sanction for three years to venture into the state. The entrepreneurs will be able to set up their own msme ventures by filling up the self-declaration form on this web portal. They will not have to cut the cycle of any government office. They will be relieved of all kinds of government intervention and they will be able to do their business in a relaxed manner. In the coming assembly session itself, the ordinance will be billed as an act.
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